➤ भरमौर में फंसे 50 मणिमहेश श्रद्धालु चिनूक हेलिकॉप्टर से सुरक्षित चंबा लाए गए
➤ कुल्लू में लैंडस्लाइड से दबे 6 लोगों की तलाश 24 घंटे बाद भी जारी
➤ शिमला-रामपुर NH-5 व चंडीगढ़-मनाली फोरलेन बंद, कई जिलों में यलो अलर्ट
चंबा/कुल्लू/शिमला। हिमाचल प्रदेश लगातार बारिश और भूस्खलन से जूझ रहा है। प्रदेश के भरमौर (चंबा) में फंसे 50 मणिमहेश श्रद्धालुओं को आज सुबह बड़ी राहत मिली। भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से इन श्रद्धालुओं को सुरक्षित चंबा लाया गया, जहां से इन्हें सरकारी बसों में पठानकोट भेजा जा रहा है। हालांकि, अभी भी भरमौर क्षेत्र में देशभर से आए 400 से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं। सरकार का दावा है कि आज सभी को रेस्क्यू करने की कोशिश की जाएगी।
इधर, कुल्लू जिले में भूस्खलन से दो मकान ढह गए थे। हादसे में दबे छह लोगों का 24 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। NDRF और स्थानीय प्रशासन रातभर से मलबा हटाने में जुटे हुए हैं और आज भी सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
शिमला जिले के रामपुर में आज तड़के NH-5 पर ज्यूरी के पास पूरा पहाड़ सड़क पर आ गिरा। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। इसी तरह चंडीगढ़-मनाली फोरलेन भी मंडी के ओट में बंद पड़ा हुआ है, जिससे आम जनता और पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आज प्रदेश के पांच जिलों—कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश की संभावना है और यलो अलर्ट लागू है। अन्य भागों में हल्की बूंदाबांदी या बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। राहत की खबर यह है कि कल से मानसून की तीव्रता कुछ कमजोर पड़ेगी।
6 से 10 सितंबर तक प्रदेश में किसी भी जिले में भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। अगले सप्ताह भी सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं। हालांकि, इस बार का मानसून रिकॉर्ड तोड़ चुका है। 1 जून से 4 सितंबर तक औसतन 636.9 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार अब तक 939.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, यानी सामान्य से 48% अधिक।



